कोरोना: देश में 22 मार्च (रविवार) को जनता कर्फ्यू / प्रधानमंत्री की अपील- सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लगाएं, बाकी समय में भी जरूरी न हो तो घर से न निकलें

 




 




 

नई दिल्ली. देश में कोरोनायरस के बढ़ते मामलों और गंभीर होते हालात के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने गुरुवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने रविवार यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की। यह जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू होगा। उन्होंने कहा कि इस 14 घंटे के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर न निकले। शाम 5 बजे अपने-अपने घरों में से ही ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर एकदूसरे का आभार जताएं और इस वायरस से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाएं। 



यह मोदी का पिछले 6 साल में 5वां राष्ट्र के नाम संबोधन था। गुरुवार को उन्होंने 29 मिनट में करीब 1900 शब्दों का इस्तेमाल कर कोरोनावायरस से निपटने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि हर देशवासी अगले कुछ हफ्तों तक बहुत जरूरी न होने पर बाहर जाने से बचे। 60 से 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग घर में ही रहें। पढ़ें, उनकी कही 8 सबसे अहम बातें...


1. जनता कर्फ्यू : रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक


प्रधानमंत्री ने क्या अपील की?
‘‘पहले जब युद्ध की स्थिति थी, तब गांव-गांव ब्लैकआउट होता था। युद्ध न हो, तब भी साल में एक-दो बार नगर पालिकाएं ब्लैकआउट का ड्रिल करवाती थीं। इसलिए मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है- जनता कर्फ्यू। यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी 2 दिन के बाद 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है।’’ 


लोगों काे करना क्या होगा?
प्रधानमंत्री ने अपील की है कि इस जनता कर्फ्यू के दरमियान कोई भी नागरिक घरों से बाहर न निकले। न सड़क पर जाए। न सोसाइटी-मोहल्ले में लोग इकट्ठे हों। लोग अपने घरों में ही रहें।


इस पर अमल कैसे होगा?
प्रधानमंत्री ने देश की सभी राज्य सरकारों से जनता कर्फ्यू को अमल में लाने की कोशिशें करने को कहा है। एनसीसी, खेल संगठन और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों से भी इसके लिए जागरुकता लाने की अपील की है। मोदी ने कहा- आप हर दिन 10 नए लोगों को फोन करके इस वैश्विक महामारी और जनता कर्फ्यू की बात बताएं और समझाएं।


इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
मोदी ने कहा- यह जनता कर्फ्यू हमारे लिए एक कसौटी की तरह होगा। यह कोरोना जैसी लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, यह देखने-परखने का भी प्रयास होगा। जनता कर्फ्यू की कामयाबी और इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। 


2. दूसरों की सेवा करने वालों का आभार : रविवार 22 मार्च शाम 5 बजे


प्रधानमंत्री ने क्या अपील की?
मोदी ने कहा- 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। साथियो! पिछले दो महीनों से लाखों लोग अस्पतालों, एयरपोर्ट, दफ्तरों, शहर की गलियों में दिन-रात काम में जुटे हैं। चाहे डॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, मीडियाकर्मी हों, पुलिसकर्मी हों, ट्रांसपोर्ट वाले हों, होम डिलिवरी करने वाले हों, ये लोग अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हैं। आज की परिस्थितियां देखें तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं। आज भी ये खुद के संक्रमित होने का खतरा मोल ले रहे हैं, फिर भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। ये अपने आप में राष्ट्र रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में शक्ति बनकर खड़े हैं। देश ऐसे सभी छोटे-बड़े व्यक्तियों और संगठनांे का कृतज्ञ है। मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। यह तरीका भी सभी को जोड़ सकता है।


लोगों काे करना क्या होगा?
प्रधानमंत्री ने कहा- जनता कर्फ्यू के दिन शाम 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर या बालकनी या खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें। इसके लिए ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें सैल्यूट करें। 


इस पर अमल कैसे होगा?
देशभर में स्थानीय प्रशासन इस पर अमल करेगा। 22 मार्च को शाम 5 बजे आपको सायरन सुनाई देगा ताकि अपने घर के दरवाजों और खिड़कियों तक पहुंच सकें।


इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
देश में पुलिसकर्मियों की संख्या 19 लाख के आसपास है। ये सभी ऑन ड्यूटी हैं। देशभर में 22 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। इनकी काेरोनावायरस को कंट्रोल करने में अहम भूमिका है। देश में 12 लाख डॉक्टर्स हैं। हर 10,926 नागरिकों पर एक सरकारी डॉक्टर है। 



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